बस मिलता रहा प्रलोभन सत्तर साल से नहीं बदला, आम आदमी का जन -जीवन वही भाग -दौड़ निर्व बस मिलता रहा प्रलोभन सत्तर साल से नहीं बदला, आम आदमी का जन -जीवन वही भ...
कभी फुर्सत मिले तो, मुझको याद कर लेना कभी फुर्सत मिले तो, मुझको याद कर लेना
प्यार का क्या है! प्यार का क्या है!
और तुम... तुम मुझमें रहकर भी मुझसे जुदा हो। और तुम... तुम मुझमें रहकर भी मुझसे जुदा हो।
बन कर फल कभी थोड़े कच्चे तो कभी थोड़े पक्के, लटकते अधटूटी टहनियों से दिखावी रिश्ते। बन कर फल कभी थोड़े कच्चे तो कभी थोड़े पक्के, लटकते अधटूटी टहनियों से दिखा...
कभी छाँव तो कभी धूप ज़िन्दगी बदले कितने ही रूप ज़िन्दगी, कभी कौवे की कर्कश वाणी सी क कभी छाँव तो कभी धूप ज़िन्दगी बदले कितने ही रूप ज़िन्दगी, कभी कौवे की कर्कश ...